दिवाली स्पेशल Poem – आओ जलाये यह शुभ संकल्पों का दिया
आओ जलाये यह शुभ संकल्पों का दिया
सबको देेते रहे, ऐसा बनना हमे दिया
बांटे ढे़र सारी खुशियां
करके पुरानी बातों की सफाई, करे सुख-शान्ति की कमाई
बांटे मधुरता की दिलखुश मिठाई, सबमें निर्मल-प्रेम रहे स्थाई
हर संकल्प में हो नवीनता
(बांटे ढे़र सारी खुशियां…. आओ जलाये यह शुभ संकल्पों का दिया)
फैलाए नई आशाओं का प्रकाश, उमंगों से स्वागत करे नया साल
करके दिव्य गुण-शक्तियों का आह्वान, जीवन में लाये दिव्यता सदाकाल
हर कर्म में हो शुद्धता
(बांटे ढे़र सारी खुशियां…. आओ जलाये यह शुभ संकल्पों का दिया)
सजाए उमंग-उत्साह की रंगोली, मनाएं सुख-आनंद की आतिशबाजी
सबके जीवन में सदा हो लाभ, हर दिन बने दिवाली सा त्योहार
फिर से लाये नई स्वर्णिम दुनिया
(बांटे ढे़र सारी खुशियां…. आओ जलाये यह शुभ संकल्पों का दिया)
Thanks for reading this poem on ‘दिवाली स्पेशल Poem – आओ जलाये यह शुभ संकल्पों का दिया’
So beautiful poem viral bhai..baba will be very happy for poem you have written beautifully 🥰🥰🇲🇰🇲🇰😇😇om shaanti
ये रूहानी काव्य की रचना कर
हैं आपने हमको दीपराज की याद में समा दिया।
इसलिए आपका तहे दिल से हैं शुक्रिया 🙏🙏
मानवता के संदेश और राष्ट्रीय भावना के साथ त्योहार की भावनाओं की शानदार प्रस्तुति, दीवाली, वीरबल को बहुत-बहुत बधाई, नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ
Nice poem. Viral, keep it up 🙏
Best inspiring poem and healing
Nice and best inspiring all poem and healing