Poem – दिव्यगुणों से सजाकर बनाया बेहद हसीन

Poem – दिव्यगुणों से सजाकर बनाया बेहद हसीन

ओ मेरे प्रभु
इस विश्व-नाटक में बनाया हमें हीरो-हीरोइन
दिव्यगुणों से सजाकर बनाया बेहद हसीन

दृष्टि में है सौम्यता, वाणी में मधुरता; कर्म में दिव्यता, व्यवहार में रॉयल्टी
वृत्ति बनाकर विशाल, संकल्प किये उदार; सम्बन्ध बने मीठे, सम्पर्क में आई सन्तुष्टी
इत्र सा चरित्र महकाकर, खिलाया हमें रूहानी कली
(दिव्यगुणों से सजाकर बनाया बेहद हसीन… इस विश्व-नाटक में बनाया हमें हीरो-हीरोइन)

दिव्य स्मृति से बनी खुशनुमः स्थिति; चेहरा है हर्षित, चलन अलौकिक
समझ की गहराई ने बनाया रहमदिल; मन है सुगंधित, दिव्य है बुद्धि
रूहानी जादूगर ने गुण-शक्तियों की ऐसी करी जादूगरी
(दिव्यगुणों से सजाकर बनाया बेहद हसीन… इस विश्व-नाटक में बनाया हमें हीरो-हीरोइन)

संस्कारों के परिवर्तन ने बनाया, फरिश्ता वा परियों सा वर्तन
आत्मरियलाइजेशन ने किया पवित्रता-सुख-शान्ति सम्पन्न
अपनी किस्मत के क्या कहने, स्वयं भगवान् बना जीवन साथी
(दिव्यगुणों से सजाकर बनाया बेहद हसीन… इस विश्व-नाटक में बनाया हमें हीरो-हीरोइन)


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2 Replies to “Poem – दिव्यगुणों से सजाकर बनाया बेहद हसीन”

  1. अब नहीं रहें हम माया के अधीन..
    क्यूंकि जब से मिला हैं शिव बाबा हमें… क्यूंकि जब से…
    रहते हैं हम उसकी याद में लवलीन…

    दिव्यगुणों से सजाकर बनाया बेहद हसीन

  2. Very beautiful poem.. Just like beautiful bapdada’s children👶👧👦.. To be future prince and princess🤴👸❤❤🥰🥰om shaanti🇲🇰🇲🇰

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