मन को करे सम्पूर्ण आज़ाद!
15 अगस्त 1947 को भारत हुआ अंग्रेजों से आजाद 🇮🇳
आज हमारे 75th स्वतंत्रता दिवस पर… करे संकल्प एक खास, करना हमें अपने मन को सम्पूर्ण आजाद!
यह मन की आज़ादी क्या होती?
मन की आजादी अर्थात् हम जो संकल्प, जितना समय, जब करना चाहे कर सके… पुराने सोचने के तरीके मन को आकर्षित न करे; हम स्व-इच्छा से सुख, शान्ति, सम्मान से भरे संकल्प कर सके!
क्योंकि यही मन की खुशी की आधार है, इससे ही संबंधों में मधुरता आती, कार्य-क्षमता श्रेष्ठ बनती, देश की सच्ची सेवा कर सकते
अरे वाह! तो कैसे करे मन को आजाद?
मन के भटकने का मूल कारण है अप्राप्ति, और विनाशी प्राप्तियां कभी अविनाशी मन को सन्तुष्ट नहीं कर सकती..
1. ज्ञान-युक्त संकल्पों से शान्ति और खुशी की भावनाएं उत्पन्न होती, जिससे मन अनुशासित रहता
2. मन को समय देकर.. उसे अपना प्यारा, सुन्दर मित्र बनाने से.. वह हमारा आज्ञाकारी बच्चा बन जाता!
3. राजयोग द्वारा परमात्मा से गुण-शक्तियों का अनुभव करने से हम स्व पर राज्य पाते
4. दिव्यगुणों (सत्यता, धीरज, शीतलता, मधुरता आदि) को जीवन में अनुभव वा धारण करने से मन प्रसन्नित रह, नियंत्रण में रहता
5. सबकी निःस्वार्थ, वा सच्ची दिल से सेवा वा कार्य करने से सन्तुष्टता आती, मन संयमित रहता
6. सबसे शान्ति, प्यार, खुशी सम्पन्न व्यवहार करने से वह गुण पहले स्वयं में अनुभव होते, मन कंट्रोल में आता
7. TV 📺, मोबाइल 📱, अखबार 📰 आदि द्वारा व्यर्थ जानकारी की मात्रा कम करने से मन हल्का रहता, तो उसे सहज मोड़ सकते
सार
वजबकि हम आर्थिक स्वतंत्रता लिए भी इतनी मेहनत करते, तो यह मन की स्वतंत्रता तो बिल्कुल ही सहज है!
हमारे राष्ट्र-पिता बापू गांधीजी सदा चाहते थे भारत रामराज्य बने… तो आज हम श्रीराम समान दैवी मर्यादा-पुरुषोत्तम बनने का प्रण करे, यही है भारत को फिर से रामराज्य बनाने का बहुमूल्य योगदान…
ओम् शान्ति!