कविता – करना हमें मन को सम्पूर्ण आजाद!
करे आज संकल्प एक खास, करना हमें मन को सम्पूर्ण आजाद
न हो कमजोरीयों की गुलामी, बनाना सुख-शान्ति सम्पन्न मनःस्थिति
(मन में लानी सम्पूर्ण आजादी.. )
छोड पुरानी बातों का पिंजरा, पाये आन्तरिक ज्ञान का उजियारा
बुद्धि पर कर नियंत्रण, करे दिव्य संस्कारों को जीवन में आमंत्रण
अनुभव करे दुःख-दर्द से मुक्ति, भरकर राजयोग की दिव्य शक्ति
(मन में लानी सम्पूर्ण आजादी.. )
तोड़ विकारो की ज़ंजीरें, फैलाए पावन-पुण्य दिव्यता की तरंगें
सद्गुण अन्तर से करे स्वतंत्र, कर प्रयोग प्रभु-याद का महामंत्र
भूल ग़म की रात अंधियारी, दिव्यगुणों से करे आनंद की अनुभूति
(मन में लानी सम्पूर्ण आजादी.. )
बुजाए बदले की आग, पाये शुभ भावनाओं की शीतल छाव
स्व पर कर कुशल अनुशासन, लाये विश्व में नैतिकता का प्रशासन
कमाकर संतोष की पूँजी, लाये विश्व में सच्ची शान्ति की क्रांति
(मन में लानी सम्पूर्ण आजादी.. )
All Poems:
- The Apple 🍎 of my Eye 👁️ – Short Poem
- Short Poem – The Art 🎨 of Happiness
- Short Poem – The power of Peace
- कविता – करना हमें मन को सम्पूर्ण आजाद!
- पवित्रता की खुशबू ने मन को है महाकाया
- Poem – मकर संक्रांति का आनंद-उत्सव
- Poem – नये साल की खूब बधाईयां, मनाए आज ढेर खुशियां
- Poem – संतोष सबसे बड़ा है धन
- Poem – दिव्यगुणों से सजाकर बनाया बेहद हसीन
- दिवाली स्पेशल Poem – आओ जलाये यह शुभ संकल्पों का दिया
Thanks for reading this poem on ‘करना हमें मन को सम्पूर्ण आजाद!’